Laknivalo.com

  • Commonly Used
  • Search

History

Banjara Bhaskar Rajput Banajkar (Gaur Banjara) Caste Brief History 

Banjara Bhaskar Rajput Banajkar (Gaur Banjara) Caste Brief History  Book Review

पुस्तक परिचय

  • शीर्षक: बंजारा भास्कर: राजपूत बणजकर (गौर बंजारा) जाति संक्षिप्त इतिहास
  • लेखक: स्वामी गोविंद दासजी महाराज, अजमेर, राजस्थान
  • प्रकाशन उद्देश्य: गौर बंजारा समुदाय की उत्पत्ति, विभाजन, ऐतिहासिक विकास और सांस्कृतिक पहचान पर आधारित शोध और कथात्मक प्रस्तुति

विषय-वस्तु और विश्लेषण

यह पुस्तक, पारंपरिक इतिहास और मौखिक धरोहरों (पौराणिक कथाओं, जनश्रुतियों) के माध्यम से गौर बंजारा (गौर बणजकर) समुदाय की विस्तृत झलक प्रस्तुत करती है। इसमें निम्नलिखित बातें समाहित हैं:

  • जाति की विविधता और उत्पत्ति
    जैसे यह बताया गया है कि गौर बंजारा कैसे एक घुमंतू और वीर वर्ग रहा है, जिसने बिना आधुनिक मार्गों के—रेल और सड़कों के पहले—बैलों पर भार लादकर व्यापार किया।
  • इतिहास और संस्कृति की खोज
    लेखक ने उपलब्ध पौराणिक और ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ साथ मौखिक इतिहास का उपयोग करते हुए एक रूपरेखा तैयार की है—हालाँकि यह पूर्णत: अकादमिक इतिहास नहीं है, लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत उपयोगी है।
  • आधुनिक संदर्भ में महत्व
    गौर बंजारा अब केवल एक इतिहास नहीं—सुधार और समाज उत्थान का हिस्सा है। इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बसंत राव नायक तथा स्वामीजी के शिष्य सेवदासजी जैसे सुधारक व्यक्तित्वों की भूमिका का भी उल्लेख है।

बंजारा भास्कर: राजपूत बणजकर (गौर बंजारा) जाति संक्षिप्त इतिहास — इस पुस्तक में गौर बंजारा जाति का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिचय सरल और संक्षिप्त ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने पौराणिक स्रोतों, जनश्रुतियों, और मौखिक परंपराओं का उपयोग कर एक सारगर्भित दस्तावेज़ तैयार किया है, जो गौर बंजारा समुदाय की बहुआयामी पहचान और यात्रा को समझने में मददगार है।