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Literature

Banjara Gotra-Shastra

Banjara Gotra-Shastra Book Review

पुस्तक परिचय

  • शीर्षक: Banjara Gotra-Shastra
  • लेखक: Dr. Manjula Chavan एवं Prof. P. K. Khandoba
  • प्रकाशक: Shwetanshu Prakashan, हिंदी संस्करण (15 फरवरी 2022)
  • प्रारूप और भाषा: हिंदी, परफेक्ट पेपरबैक, कुल 106 पृष्ठ
  • किताब की कीमत: ₹205 (M.R.P. ₹210)
  • Amazon रेटिंग: 5.0/5 — 1 रेटिंग प्राप्त

थीम और विषय वस्तु

यह पुस्तक बंजाराओं की गोत्र परिचयात्मक विधियाँ—जैसे उनके नाम, विभाजन, और सामाजिक महत्व—पर आधारित एक मूल्यवान स्रोत है। मूल भाषा (संभवतः कन्नड़ या अन्य बंजारा बोली) से हिंदी में अनुवादित यह ग्रंथ गोत्र शास्त्र की जानकारी को आम पाठकों तक पहुँचाने का काम करता है।


विषयगत महत्व (पृष्ठभूमि जानकारी)

बंजाराओं के समाज में गोत्र (जैसे कि Rathod/Bhukya, Pawar, Chavan, Vadithya/Jadhav, Banoth आदि) विशिष्ट सामाजिक पहचान और विवाह व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन गोत्रों के अंतर्गत अनेक उप-जातियाँ (जैसे जाथ, पद) होती हैं, जिन्हें विधिवत विवाह नियमों का आधार माना जाता है—समान गोत्र के भीतर विवाह वर्जित माना जाता है।


समीक्षा (सारांश)

  • गूढ़ विषय का सहज अनुवाद: मूल भाषा से हिंदी अनुवादित यह पुस्तक बंजाराओं के सामाजिक-परंपरागत ज्ञान को अधिक लोगों के लिए सुलभ बनाती है।
  • संस्कृति संरक्षण का माध्यम: गोत्र संरचना जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक ग्रंथ को दस्तावेज़बद्ध कर, लेखक-संयोजनकर्ता ने बंजारा परंपराओं के संरक्षक के रूप में कार्य किया है।
  • संभावित सीमाएँ: चूंकि किताब पर केवल एक व्यक्ति ही रिव्यू छोड़ चुके हैं (5/5), इसका व्यापक पाठक-जांच अभी तक नहीं हुआ है—जिससे पुस्तक की प्रियता और आलोचनात्मक दृष्टिकोण की जानकारी सीमित है।

समग्र निष्कर्ष

Banjara Gotra-Shastra एक विशिष्ट धार्मिक-सामाजिक दस्तावेज़ है जो बंजाराओं के गोत्र संरचना और परंपराओं को समझने के लिए बेहद उपयोगी और पठनीय है। यदि आप बंजारा समाज की संरचना, गोत्र संबंधी नियम या सांस्कृतिक अध्ययन में रुचि रखते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए ज़रूर उपयोगी रहेगी।