
Gor Banjara Alphabet
- Release:1 January 2020
- Views:19 times
- Price:₹141
- Pages:74
- Lable:Hindi, Shri Yuvraj Kisan Chavan
Gor Banjara Alphabet Book Review
पुस्तक अवलोकन
- शीर्षक: Gor Banjara Alphabet
- लेखक: श्री Yuvraj Kisan Chavan (Maharaj)
- प्रकाशक: Rudra Publications
- प्रकाशन तिथि: 1 जनवरी 2020 (Unqualified Edition)
- प्रारूप: Paperback, 74–84 पृष्ठ
- आयाम: लगभग 22.86 x 15.24 सेमी, वजन ~127–130 ग्राम
सामग्री & उपयोगिता
यह पुस्तक बंजारा भाषा की मातृभाषा में वर्णमाला प्रस्तुत करती है और इसमें शामिल हैं:
- स्वर (vowels), व्यंजन (consonants)
- अंग्रेजी के ‘bara khadi’ (बरहखड़ी)
- संख्या (numbers)
- फूलों, फलों, त्योहारों, जानवरों, शरीर के अंगों और धार्मिक स्थानों के नाम बंजारा भाषा में।
ये सकल रूप से एक शुरुआती स्तरीय भाषा शिक्षण सामग्री है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनकी मातृभाषा बंजारा है या जो बंजारा लिपि सीखने में रुचि रखते हैं।
उपयोगकर्ता समीक्षा (Flipkart)
Flipkart पर उपलब्ध समीक्षाओं में से एक ख़ास उल्लेखनीय है:
“This book is really easy to read and write the Banjara alphabet.” — Swapnil Chavan, Certified Buyer, Solapur
यह प्रतिक्रिया इंगित करती है कि पुस्तक पढ़ने और लिखने में सुगम है और शुरुआती शिक्षार्थियों के लिए उपयोगी साधन हो सकता है।
Gor Banjara Alphabet (श्री Yuvraj Kisan Chavan, Rudra Publications, 2020) एक संक्षिप्त और प्रभावी बंजारा वर्णमाला सीखने वाली पुस्तक है। यह भारतीय आदिवासी भाषा–संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने का एक छोटा पर महत्वपूर्ण यत्न है।
- स्पष्ट और सीधा भाषा शैली – शुरुआती स्तर के छात्रों और भाषाभाषियों के लिए सहज।
- व्यापक सामग्री – वर्णमाला के साथ-साथ संख्या, फूल-फलों, त्योहारों आदि के नाम सीखने की सामग्री शिक्षण को रोचक बनाती है।
- उपयुक्त संरचना – 74–84 पृष्ठ, हल्का प्रारूप—पुस्तक पढ़ना और साथ में सीखना एक सरल प्रक्रिया।
विनिर्दिष्ट दृष्टिकोण से, यह पुस्तक बंजारा भाषा और लिपि सीखने वाले छात्रों, शिक्षकों, भाषा उत्साही पाठकों और संस्कृति-सहेजने वाले समूहों के लिए एक उपयोगी सहायक है।
सारांश: पुस्तक के लाभ और सीमाएँ
फायदे | सीमाएँ |
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बंजारा भाषा और लिपि सीखने का रुचिकर प्रारंभिक मार्ग | केवल आधारभूत शब्दावली और विषय शामिल—गहन व्याकरण या साहित्य की कमी |
सरल भाषा और प्रारूप—शुरुआत के शिक्षार्थियों के लिए आदर्श | क्षेत्रीय वितरण सीमित हो सकता है |
हल्का वजन और कॉम्पैक्ट आकार—पोर्टेबल शिक्षण | डिजिटल संस्करण (Kindle/ई-बुक) का अभाव |